जयपुर। सर्दियों का मौसम शुरू होते ही सबसे ज्यादा दिक्कत कोहरे (Fog) से होती है। कोहरे का असर ट्रेनों (Train) पर पड़ता है, जिसके कारण कई ट्रेनें निरस्त हो जाती है और अधिकांश ट्रेनें अपने नियत समय से काफी लेट चलती है। ट्रेनों (Train) को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए रेलवे प्रशासन ने एक अनोखा तरीका निकाला है। इसमें एक ऐसी डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है जो घने कोहरे में भी ट्रेन ड्राइवर को सतर्क कर देती है।
दिखने में ये डिवाइस आतिशबाजी के दौरान काम आने वाली चकरी या जमीन चक्कर जैसा है। इस डिवाइस को रेलवे फाटक या स्टेशन आने से पहले ही कुछ दूरी पर क्लिप के सहारे रेल की पटरियों में स्टक किया जाता है। जैसे ही इस डिवाइस पर से रेल का इंजन गुजरता है तो इसमें जोरदार धमाका होता है। इसकी आवाज रेल ड्राइवर को सुनाई देती है जिससे वह समझ जाता है कि अब कुछ ही दूरी पर रेलवे फाटक या स्टेशन आने वाला है और वो गाड़ी की रफ्तार धीमी कर लेता है।
इस डिवाइस को कोहरे के समय रेल कर्मचारी ट्रेन आने से कुछ समय पहले ही पटरी पर इंस्टॉल करता है। इसे इंस्टॉल करने वाला कर्मचारी तब तक वहीं खड़ा रहता है जब तक ट्रेन वहां से गुजर ना जाए। क्योंकि इस बात की आशंका बनी रहती है कि कोई इसे पटरी से खोल कर ले जा सकता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे सीपीआरओ अभय शर्मा का कहना है कि ये डिवाइस बेहद सुरक्षित है और इसके धमाके से बस शोर होता है, किसी तरह का धुंआ या नुकसान नहीं पहुंचता। ये डिवाइस कोहरे के समय ही काम में लिया जाता है, जब रेल ड्राइवर को पटरियों पर आगे कुछ भी नजर नहीं आता।
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